गुरुवार, 24 सितंबर 2009

शिवजी का वरदान

कलकत्ता एक बहुत बार शहर है और शिमला उसके एक मुहल्ले का नाम है । अब से सो साल पहले की बात है । उसी मुहल्ले के एक घर में भुवनेश्वरी देवी , भगवन शिव की पूजा कर रही थी। प्रतिदिन शिवजी की पूजा करने के बाद प्रणाम करते समयवे कहती,"प्रभु,मेरी गोद में एक बच्चा दे दो।" उनकी कई पुत्रिया थी,परन्तु बिना पुत्र के काम कैसे चलता ? इसीलिए वे पुत्र की कामना से प्रतिदिन पूजा देने के लिए उन्हने अपनी एक वृद्ध नातेदारिन से कह रखा था ।

सरल हृदय से और भक्ति के साथ कोई भगवन से कुछ कहे, तो भगवन उसकी सुनते है। उन्होंने भुवनेश्वरी देवी की प्राथना भी सुनी। १२ जनुअरी १८६३ के दिन बरे सवेरे उन्हें एक पुत्र हुआ ।
वह पौष महीने की संगक्रांति का दिन था। पास की महिलाये गंगा स्नान करने गई थी। भुवनेश्वरी देवी के घर से शंख की आवाज सुनकर वे सभी दूरी चली आयी

This child only became famous by the name Swami Vivekanada . His father's name was Vishwanath Dutt . He was वकील थे. How earn enough and spend also fully . दस दसियों और गाड़ी घओदों से उनके घर में चहल पहल रहती थी। वे बारे दानी भी थे। उनके अन्ने पर अनेको लोग पलते थे।
विश्वनाथ के पिता दुर्गाचारना दत्त विश्वनाथ का जन्म होते ही घर छोर कर चले गए थे। वे जाकर सन्यासी हो गएऔर फिर जो घर से निकले फिर कभी नही लोटे।

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